भाजपा का बंगाल चुनाव, क्या टूटेगा 'दीदी' का तिलिस्म?
मानव विश्वास
कोलकाता : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में चुनावी पारा चरम पर है। चुनावी अखाड़े में तमाम पार्टियां कमर कस चुकी हैं। भाजपा आगत वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने में कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहती है। पार्टी बड़े ही आक्रामक ढंग से इस चुनाव को लड़ने की योजना बना रही है। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। अमित शाह पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा सीटों में से 200 सीटों पर जीत दर्ज करने की मंशा के साथ काम कर रहे हैं।
इस मामले की जानकारी रखने वाले बीजेपी के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि दिल्ली या देश के अन्य हिस्सों से बीजेपी के 294 नेता पश्चिम बंगाल पहुंचने वाले हैं और स्थानीय इकाई के साथ काम करेंगे। वे प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए बनाई की जाने वाली 45 सदस्यीय टीम का हिस्सा होंगे। मौजूदा जिला समितियां इन टीमों की सहायता करेंगी।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “दूसरे राज्यों के नेताओं का 26 नवंबर से आने का कार्यक्रम है। हमें बताया गया है कि केंद्रीय नेता और मंत्रियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और कर्नाटक सहित राज्यों के नेता और मंत्री बंगाल आएंगे।”
भाजपा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी है, जहां ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी वाम दलों के 34 साल के शासन को समाप्त कर 2011 में सत्ता में आई थी। 2016 में ममता को दोबारा जीत मिली थी। इधर खबर है कि अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा हर महीने बंगाल का दौरा करेंगे और प्रत्येक यात्रा के दौरानकम से कम दो दिन वह प्रवास करेंगे।
राज्य भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा “सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी कल्पना नहीं कर सकती है कि भाजपा कैसे इस चुनाव को लड़ने जा रही है। अमित शाह ने हाल ही में कोलकाता की अपनी यात्रा के दौरान हमें बताया कि पिछले साल जब हमने 42 लोकसभा सीटों में से 18 में जीत हासिल की थी, उस समय मशीनरी छेटी थी। इस चुनाव में बड़े पैमाने पर हम काम करेंगे।”
पश्चिम बंगाल में बीजेपी को सत्ता में वापस लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों का एक बड़ा वर्ग भी बंगाल आएगा। बीजेपी नेता ने कहा, 'आरएसएस के हमारे पदाधिकारी स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे। ऐसे पदाधिकारियों का चयन किया जा रहा है। प्रत्येक 42 लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग टीमें होंगी।'
बंगाल चुनाव में अमित मालवीय की एंट्री
भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत ही ज्यादा गंभीर है यह तो पहले से ही पता है, लेकिन उसने जिस तरह से पार्टी के आईटी सेल के चर्चित हेड अमित मालवीय को वहां का सह-प्रभारी नियुक्त किया है उससे पार्टी की रणनीति अभी से जाहिर हो रही है। पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय को वहां का प्रभारी बनाया है, जो वहां लंबे वक्त से काम कर रहे हैं। मालवीय का नाम सामने से तय लग रहा है कि पार्टी ने बीते तीन वर्षों से बंगाल की जिस सत्ता के लिए संघर्ष किया है, कई पार्टी कार्यकर्ताओं की जानें गंवाई हैं उसका चुनाव में पूरा फसल काटने के लिए पार्टी वहां सोशल मीडिया का भी आक्रामक इस्तेमाल करने वाली है। इस सेक्टर के लिए अमित मालवीय भाजपा के लिए पूरी तरह से टेस्टेड और फिट हैं और उनकी अगुवाई में बिहार में भी भाजपा के आईटी सेल ने काम करके दिखाया है।भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत ही ज्यादा गंभीर है यह तो पहले से ही पता है, लेकिन उसने जिस तरह से पार्टी के आईटी सेल के चर्चित हेड अमित मालवीय को वहां का सह-प्रभारी नियुक्त किया है उससे पार्टी की रणनीति अभी से जाहिर हो रही है। पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय को वहां का प्रभारी बनाया है, जो वहां लंबे वक्त से काम कर रहे हैं। मालवीय का नाम सामने से तय लग रहा है कि पार्टी ने बीते तीन वर्षों से बंगाल की जिस सत्ता के लिए संघर्ष किया है, कई पार्टी कार्यकर्ताओं की जानें गंवाई हैं उसका चुनाव में पूरा फसल काटने के लिए पार्टी वहां सोशल मीडिया का भी आक्रामक इस्तेमाल करने वाली है। इस सेक्टर के लिए अमित मालवीय भाजपा के लिए पूरी तरह से टेस्टेड और फिट हैं और उनकी अगुवाई में बिहार में भी भाजपा के आईटी सेल ने काम करके दिखाया है।
अमित मालवीय पश्चिम बंगाल में पार्टी के सह-प्रभारी बनकर जैसे ही कोलकाता पहुंचे, उन्होंने ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार के सामने अपना मंसूबा जताना शुरू कर दिया। उन्होंने वहां पहुंच कर ट्वीट किया, 'मुझे भरोसा है कि साथ मिलकर हम फिर से (पश्चिम बंगाल का) गौरव हासिल करेंगे। यह तभी हो सकता है जब भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और जंगलराज वाली पीसी (ममता बनर्जी) की सरकार का खात्मा होगा। भाजपा ने जिस उम्मीद से मालवीय को बंगाल जीतने की जिम्मेदारी दी है, उन्होंने आते ही सोशल मीडिया पर अपनी तरफ से धमाल मचानी शुरू कर दी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने भी बंगाल में भाजपा को डिजिटल प्रचार युद्ध में टक्कर दी थी। इसलिए बीजेपी इस बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने का इरादा तय कर चुकी है।
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