BIG NEWS : झारखंड के शिक्षा मंत्री की हालत गंभीर, जगरनाथ महतो का फेफड़ा डैमेज, डॉक्टरों ने बदलने की दी सलाह
◆ शिक्षामंत्री 28 सितंबर को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से मेडिका अस्पताल में हैं भर्ती
शादाब
रांची : कोरोना पॉजिटिव शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। संक्रमण के कारण उनका एक फेफड़ा डैमेज हो गया है। गुड़गांव स्थित मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने फेफड़ा ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी है।
गुड़गांव मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. जायसवाल और डॉ. जतिन मेहता ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा मंत्री की हालत जानने के बाद कहा कि मेडिका में अभी जो इलाज चल रहा है, वह ठीक है। लेकिन, इंफेक्शन काफी बढ़ जाने के कारण उनका फेफड़ा काफी हद तक खराब हो चुका है। इसलिए उन्हें तत्काल वेंटिलेटर पर रखा जाए। 5 से 7 दिन के बाद जब मंत्री की हालत में सुधार आता है तो देश के किसी ऐसे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए, जहां उनका फेफड़ा बदला जा सके। मेदांता की विशेषज्ञ टीम शनिवार को रिम्स के क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य, मेडिसिन डिपार्टमेंट के इंचार्ज डॉ. उमेश प्रसाद और कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ. ब्रजेश मिश्रा से बातचीत कर रहे थे।
गौरतलब है कि मंत्री के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा गठित रिम्स की एक्सपर्ट टीम ने शिक्षा मंत्री की हालत गंभीर बताई थी। इसके बाद शनिवार को गुड़गांव मेदांता हॉस्पिटल से दो विशेषज्ञ टीम मंत्री का हेल्थ रिव्यू करने चार्टर्ड प्लेन से मेडिका अस्पताल रांची आने वाली थी। लेकिन कुछ कारणों से नहीं आ सके। इस पर टीम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्री की हालत की जानकारी ली।
100% से भी ज्यादा हाई फ्लो ऑक्सीजन देना पड़ा : डॉक्टर प्रदीप
रिम्स के डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि बीती रात शिक्षा मंत्री की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्हें 100 प्रतिशत से भी ज्यादा हाई फ्लो ऑक्सीजन देना पड़ा। उनकी स्थिति अब भी काफी गंभीर बनी हुई है। अब तक उन्हें मास्क द्वारा वेंटिलेशन पर रखा गया था, पर अब उन्हें ट्यूब के जरिए वेंटिलेशन पर रखा जाएगा।
पूरे शरीर में नहीं हो पा रहा ब्लड सर्कुलेशन : डॉ. ब्रजेश
टीबी व छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि फेफड़ा दो हिस्से में काम करता है। एक तरफ गैस का आदान-प्रदान होता है तो दूसरे हिस्से में खून की नलियां बिछी रहती हैं, जहां ऑक्सीजन मिलने से खून शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचता है। हाई फ्लो ऑक्सीजन देने से ऑक्सीजन फेफड़े में पहुंच तो रहा है, लेकिन संक्रमण अत्यधिक फैलने के कारण ऑक्सीजन खून को शरीर के विभिन्न भागों तक नहीं पहुंचा पा रहा है। इस कारण उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
बता दें कि शिक्षा मंत्री 28 सितंबर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें रिम्स के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। एक अक्टूबर को उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से शिक्षा मंत्री मेडिका में इलाजरत हैं।
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