मेनारिया समाज...
एचडी ओझा
नई दिल्ली : मेनारिया एक ब्राह्मणों की एक उपजाति होती है । इनका मूल निवास मेवाड़ की कभी राजधानी रही नागदा नगरी थी । हांलाकि ये ब्राह्मण होते हैं, पर क्षत्रियों की तरह लड़ाकू होते हैं । इसीलिए इन्हें ब्रह्मा क्षत्रिय भी कहा जाता है । 1226 में दिल्ली के सुल्तान अल्तमश और मेवाड़ के राजा जेत्र सिंह से भूताला के नजदीक एक भीषण युद्ध हुआ था । इतिहास में यह युद्ध " नागदा भूताला युद्ध " के नाम से दर्ज है । नागदा के ब्राह्मणों ने भी इस युद्ध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था ।
मेवाड़ के राजा जेत्र सिंह की हार हुई थी । नागदा के ढेर सारे ब्राह्मण भी इस युद्ध में मारे गये । इनमें से कुछ ब्राह्मण नागदा नगरी छोड़कर मेनार गाँव में बस गये थे । इसलिए ये ब्राह्मण मेनारिया ब्राह्मण कहलाए । ब्रह्मा क्षत्रिय के नाम से मशहूर ये ब्राह्मण बारुद से होली खेलते हैं । होली की रात इनकी बंदूकें पूरी रात गरजतीं हैं । ये तलवार से गैर नृत्य भी करते हैं । होली खेलने की यह परम्परा पिछले 400 सालों से चली आ रही है ।
मेनारिया ब्राह्मणों ने मुगलों की एक चौकी पर हमला कर उसे तहस-नहस कर दिया था। तत्कालीन महाराणा ने मेनार को 17वें उमराव की उपाधि प्रदान की थी। मेनार वासियों को 52 हजार बीघा जमीन भी दान में मिली थी ।
यह जमीन लगान मुक्त थी । महाराणा अमरसिंह प्रथम ने मेनार वासियों को शाही लाल जाजम, रणबांकुरा ढोल भी प्रदान किया था । इन्हें सिर पर किलंगी धारण करने की स्वीकृति भी प्रदान की गयी थी । आज भी ये परंपरा पूर्ववत जारी है।
Similar Post You May Like
-
उजड़े मेले में देखिए नौटंकी..पान खाएं सैंया हमार
राजीव मित्तल नई दिल्ली :बजट पर उम्मीदों का असीम भार... अपने इस लेख में Alok Joshi ने आगामी बजट के म...
-
गणतंत्र दिवस !
सर्वेश तिवारी श्रीमुखगोपालगंज : अच्छा लगता है उस महान गणतंत्र का हिस्सा होना जिसकी समूची व्यवस्था व्...
-
हम, भारत के लोग.....
हिमकर श्यामरांची : 26 जनवरी भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक अहम दिन है। इसी दिन संविधान को लागू किया...