नेपाली नेता गुड़ खाएंगे और गुलगुले से परहेज करेंगे
रंजीत कुमार
पटना : चीन के टुकड़े पर मदहोश नेपाल के कुछ नेता हिंदी पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। हम इसका स्वागत करते हैं और उन्हें चुनौती देते हैं कि अगर दम है तो हिंदी को पूरी तरह से बैन करे। सिर्फ भाषा को ही नहीं हिंदी की लिपी देवनागरी और व्याकरण को भी। खुद नेपाली भाषा भी हिंदी से उधार में ली गई देवनागरी लिपी में लिखी जाती है और उसका व्याकरण भी हिंदी से चुराया हूआ है। गुड़ खाएंगे और गुलगुले से परहेज करेंगे, यह कैसे चलेगा।
नेपाल को इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि चीन धूर्त और चालाक लोमड़ी है, भौंकने और फूफकारने के बाद अंतत: वह भारत के चौखट पर सिर टेक ही देगा। गारंटी ले लो। उसको यहां व्यापार करना है और वह कभी नहीं चाहेगा कि युद्ध हारकर समूची दुनिया के सामने अपने वास्तविक वजन का खुलासा कर दे।
लेकिन आपको क्या मिलेगा। चीन के उकसावे में आकर तुम जो पिता समान बड़े भाई को चिकोटी काट रहे हो, इसकी बहुत बड़ी कीमत तुम्हें चुकानी होगी।
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