BIG NEWS : चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को मिला था मोटा चंदा
● प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष से भी मिले हैं राजीव गांधी फाउंडेशन को दान
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : भाजपा की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन की सरकार द्वारा जितना धन मिलने का आरोप लगाया गया है उसके कहीं अधिक धन मिलने के साक्ष्य सामने आ रहे हैं। भाजपा चीफ जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को मोटा चंदा मिला था। बीजेपी अध्यक्ष ने इसके साथ ही दावा किया कि डोकलाम विवाद के दौरान पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी चोरी-छिपे दिल्ली में चीन के राजनयिक से बात किया करते थे।
मध्य प्रदेश जनसंवाद वर्चुअल रैली के दौरान उन्होंने कहा की मैं यह जानकर हैरान हूं कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 300 हजार अमेरिकी डॉलर People’s Republic of China (चीनी सेना) और Chinese Embassy (चीनी दूतावास) से साल 2005-06 में मिले थे। यह कांग्रेस और चीन का गुप्त संबंध है।
पूर्व कांग्रेस चीफ के बारे में उन्होंने कहा की 2017 में डोकलाम विवाद के दरमियान राहुल गुप्त रूप से दिल्ली में चीन के राजनियक से बातचीत करते थे। आज, गलवान घाटी विवाद के दौरान भी कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है।
प्रधानमंत्री सहायता कोष से भी मिले फाउंडेशन को दान
राजीव गाँधी फाउंडेशन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष से भी दान मिले हैं। पोल खुलने के बाद कोई भी काँग्रेसी नेता अब मुँह नहीं खोल रहा है। प्राप्त दस्तावेज इस बात की तस्दीक करते हैं कि समय-समय पर प्रधानमंत्री सहायता कोष से भी राजीव गाँधी फाउंडेशन को दान मिले हैं।
कांग्रेस के आलोचकों का कहना है कि एक तरफ भारत चीन के बीच व्यापार असंतुलन बढ़ता रहा वहीं फाउंडेशन का थिंक टैंक एफटीए के पक्ष में दलीलें देता रहा। 2003-04 के मुकाबले 2013-14 में व्यापार असंतुलन 33 गुना बढ़ चुका था। अब विभिन्न क्षेत्रों से मांग उठ रही है कि पूरे मामले पर कांग्रेस अपना पक्ष स्पष्ट करें। कांग्रेस को चीन सरकार से कितनी मदद मिली और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से उसका क्या समझौता हुआ उसके बारे में लोग विस्तार से जानना चाहते हैं। लोग यह भी जानना चाहते हैं कि इस समझौते से कहीं देश हित तो नहीं प्रभावित तो नहीं हो रहे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर स्थापित इस फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसके बोर्ड में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पी. चिंदबरम और प्रियंका गांधी वाड्रा भी हैं। फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के अनुसार उसे चीन की सरकार और नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास दोनों ने चंदा दिया।
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