हाॅलीवुड की तर्ज पर बनें कितने लीवुड
एस डी ओझा
हाॅलीवुड एक जगह का नाम है , जहाँ फिल्में बनतीं हैं । यह संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लास एजेंल्स में है । यहां सुरुचि पूर्ण हर विषय पर फिल्मों का निर्माण होता है । हाॅलीवुड में बहुत सी फिल्म स्टुडियो स्थापित हैं । हाॅलीवुड का प्रसिद्ध पुरस्कार "आस्कर " जीतना हर फिल्मी महारथी के लिए एक सपना होता है । हाॅलीवुड की तर्ज पर भारत में बहुत से लीवुड हो गये हैं जैसे - बाॅलीवुड, पाॅलीवुड और टाॅलीवुड ।
सबसे पहले टाॅलीवुड की बात करते हैं । कर्नल विलियम टाॅली ने पश्चिम बंगाल में एक नगर बसाया था । इस नगर का नाम विलियम टाॅली के नाम पर टाॅलीगंज पड़ा । बाद में टाॅलीगंज में बांगला फिल्में बननी शुरु हो गयीं । यहां बहुत से फिल्म स्टूडियो खुल गये । इस जगह का नाम हाॅलीवुड की तर्ज पर टाॅलीवुड रख दिया गया । उस समय के बाम्बे में हिंदी फिल्में बनतीं थीं । बेविंडा कोलैको सिने ब्लिट्ज में गाॅसिप काॅलम लिखते थे । एक दिन उन्होंने अपने काॅलम में बम्बईया हिंदी फिल्मिस्तान को बाॅलीवुड नाम दे दिया । ऐसा लिखते हीं बाॅलीवुड नाम चमक गया । सभी ने इस नाम को हाथों हाथ ले लिया । वैसे इस नाम को देने के एक और दावेदार हो गये हैं । वह हैं अमित खन्ना । अमित खन्ना एक फिल्म मेकर हैं और उनका कहना है कि उन्होंने ही सबसे पहले अपनी एक फिल्म में हिन्दी फिल्मों के लिए बाॅलीवुड नाम दिया था । पंजाब में भी पंजाबी फिल्में बनतीं हैं । इसलिए इसे पाॅलीवुड कहा जाने लगा ।
इनमें बाॅलीवुड नाम ज्यादा मशहूर है । वैसे बाॅलीवुड नाम से बहुत लोग खुश नहीं है । 2013 में अमिताभ बच्चन ने एक इण्टरव्यू में कहा था कि उन्हें बाॅलीवुड नाम पसंद नहीं आया । यह नाम उधार के सिंदुर जैसा लगता है । हमें अपना अलग से अपनी संस्कृति के अनुरुप नाम रखने चाहिए । जैसे - चित्र लोक या चलचित्रम । हमें आंख बंद कर हाॅलीवुड का अनुकरण नहीं करना चाहिए । हम हाॅलीवुड फिल्मों की नकल तो करते हीं हैं और अब हाॅलीवुड से प्रेरित हो अपने फिल्मिस्तान का नाम भी बाॅलीवुड रख लिया ।
टाॅलीवुड में जो भी बांगला फिल्में बनतीं हैं वे साफ सुथरी होतीं हैं । सत्यजीत रे ने बहुत हीं उम्दा बांगला फिल्में बनायीं हैं । इसके लिए उन्हें लाइफ टाइम आस्कर पुरस्कार भी मिला है । रही बात बाॅलीवुड की तो यहां ज्यादातर मार धाड़ की फिल्में ही बनतीं हैं । बाॅलीवुड फिल्मों के गाने भी बहुत अश्लील होते हैं । उसी तरह से पाॅलीवुड का भी चक्कर है । पाॅलीवुड के डायलाग द्विअर्थी होते हैं । ज्यादातर पाॅलीवुड फिल्में बाॅलीवुड की भोंडी नकल मात्र होतीं हैं । पाॅलीवुड के गाने भी अश्लील होते हैं ।
कर्नाटक के पंडित धीरनवार राव ने बाॅलीवुड और पाॅलीवुड की अश्लीलता के खिलाफ बैनर लेकर अपना विरोध जाहिर किया था । श्री राव ने उन फिल्मों के गीत गाए जो बेहद अश्लील थे । उन्होंने हिंसा , मार धाड़ व नशा प्रधान फिल्मों का भी विरोध किया । उन्होंने 2017 के पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले का जिक्र किया , जिसमें अश्लील, हिंसा , नशा व मार धाड़ वाली फिल्मों पर अदालती कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था । पंडित धीरनवार राव ने कहा कि ऐसी फिल्में विश्व शांति के लिए खतरा हैं । पंडित धीरनवार राव जी को बहुत बहुत धन्यवाद ।
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