BIG NEWS : परिसीमन आयोग की पहली बैठक में नहीं पहुंचे फारूक अब्दुल्ला समेत 3 सांसद, जल्द तैयार होगा विधानसभा सीटों का खाका
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों का खाका तैयार करने के लिए परिसीमन आयोग की आज नई दिल्ली में बैठक हुई है। परिसीमन आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (रि) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत उनकी पार्टी के सांसद नहीं मौजूद थे। बैठक में निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा बीजेपी के दो सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर शर्मा मौजूद थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी के नहीं आने पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई देता है। बता दें कि आयोग की पहली बैठक के साथ ही राज्य में परिसीमन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे विपक्षी दलों के रवैये पर तंज कसते हुए कहा कि सदन में ये लोग चीख चीख कर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा बहाल कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया फिर से शुरू करने की बात कहते हैं। लेकिन जब लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू हो रही है, तो यह लोग राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि वो संसदीय लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से अपनाई गई प्रक्रिया को ही असंवैधानिक बताते हुये बहिष्कार करने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ताज्जुब है कि इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इस्तेमाल वही लोग राजनीतिक स्वार्थों के लिए कर रहे हैं। जबकि राज्य की जनता के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारी है, जिसे वो भूल गए हैं। जिस जनता ने अपने हित की बात के लिए उनको वोट दिया है, आज यह लोग उसे ही नजरअंदाज कर रहे हैं। बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आयोग की अक्ष्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को चिट्ठी लिख कर पहले ही इस बैठक में शामिल होने में असमथर्ता जताई थी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली के होटल में करीब दो घंटे चली बैठक में परिसीमन के लिए बुनियादी बातों पर चर्चा हुई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राज्य की जनता की नुमाइंदगी के लिए सभी वर्ग, पक्ष और पक्षकार अपने सुझाव और सलाह के साथ आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि अगली बैठक की तारीख भी जल्दी ही तय कर ली जायेगी। जम्मू-कश्मीर में सात नये विधानसभा क्षेत्र बनाए जाने हैं। इसके लिए कई क्षेत्रों का नाम बदला जा सकता है। बता दें कि पांच मार्च 2020 को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन हुआ था। आज यानी 18 फरवरी 2021 के दिन आयोग की अध्यक्ष द्वारा यह पहली बैठक बुलाई गई है। परिसीमन आयोग में जम्मू-कश्मीर के पांच सांसद एसोसिएट सदस्य हैं। वहीं अभी तक आयोग ने जम्मू-कश्मीर का एक भी दौरा नहीं किया है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि पहली बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की गतिविधियां तेज हो जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर में पुनर्गठन अधिनियम के तहत प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 114 हो जायेगी। जिसमें 24 सीटें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के लिए आरक्षित रहेंगी और 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। वहीं परिसीमन आयोग की पहली बैठक से पहले कश्मीरी पंडित विस्थापितों के लिए पांच आरक्षित सीटों की मांग की है। कश्मीरी पंडित नेता अश्विनी कुमार चुरंगू ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर यह मांग की है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा सीटों को आरक्षित नहीं किया जाता है, तो कश्मीरी पंडितों को मनोनयन से पांच सीटें दी जानी चाहिए।
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