BIG NEWS : टूलकिट प्रकरण में ISI और पीटर फ्रेडरिक का लिंक !
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : किसानों के प्रदर्शन से जुड़े टूलकिट को शेयर करने को लेकर दिशा रवि को गिरफ्तार कर चुकी दिल्ली पुलिस ने इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का लिंक का भी खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि वे टूलकिट के संबंध में पीटर फ्रेडरिक नाम के एक शख्स की भूमिका की जांच में जुटी हुई है। साल 2006 से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर रहने वाले फ्रेडरिक का नाम टूलकिट में है। फ्रेडरिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईसएआई से जुड़ा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि वे पीटर फ्रेडरिक नामक एक व्यक्ति के जरिए आईएसआई के संबंधों की जांच कर रहे हैं जिसका नाम दस्तावेज में है और जिसे संगठन के एक संचालक के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है।
पीटर फ्रेडरिक और आईएसआई के बीच रिश्ते की डोर सन् 2006 से शुरू हुई थी। तब आईएसआई को अपने संस्थापक गुल मोहम्मद के रचे गए षड्यंत्र के2 तहत कार्रवाई बढ़ाने की चिंता हुई, ऐसे वक्त में डेविड हेडली की तरह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पीटर फ्रेडरिक मिला।वह आईएसआई के खालिस्तानी पिट्ठू भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी से जुड़े हुए रहकर भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए तत्पर सामाजिक कार्यकर्ताओं, शक्तिहीन हो रहे वामपंथियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को पश्चिमी देशों से दानराशि अंतरण योजना में सहयोगी की भूमिका निभाता रहा था।
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के आईएसआई डेस्क इंचार्ज और सहायक/संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों की नजर उस पर केंद्रित थी।तब भारत में राजनीतिक सत्ता संभालने वाले नेताओं को मुँह पर पट्टी बंधी हुई थी और सत्ता परिवर्तन की आशंका से टुटपुंजिए नेताओं के आगे चारा डालने की विवशता थी।
पीटर फ्रेडरिक को आईएसआई ने पटा लिया और वह भारत विरोधी आंतरिक शक्तियों को ध्रुवीकृत करने में जुट गया। हालांकि देश की बाह्य और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले का भांडाफोड कर सही समय पर कार्रवाई शुरू कर दी।
दिल्ली पुलिस ने बताया ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट ट्वीट किया था और बाद में जिसे हटाया उसमें पीटर फ्रेडरिक का नाम था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उसका (पीटर का) नाम दस्तावेज में क्यों है। क्या उन्होंने उसे मो.धालीवाल के जरिए फ्रेडरिक से संपर्क किया या सीधे उनसे संपर्क किया, यह जांच का विषय है।'
बता दें कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सोमवार को दावा किया था कि खालिस्तानी तत्वों के साथ मिलकर 'भारत की छवि को धूमिल करने' के उद्देश्य से किसानों के आंदोलन से संबंधित एक 'टूलकिट' बनाने के मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के साथ मुंबई की वकील निकिता जैकब और बीड का एक इंजीनियर शांतनु मलिक भी शामिल हैं।
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