BIG NEWS : झारखंड में बर्ड फ्लू ! कागजी घोड़ा दौड़ा रही है झारखंड की सरकार
◆ देर से पहुंचने वाले सैंपल को बेकार बताकर लौट आ रही है बंगाल के लैब
◆ गैर जिम्मेदार सरकार ट्रेन से भेजती है बर्ड फ्लू के सैंपल
शादाब
रांची : कोरोना महामारी के बाद बर्ड फ्लू ने देश के कई हिस्सों में लोगों को भयभीत कर रखा है। कहने को तो देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे बर्ड फ्लू के मामले को लेकर झारखंड सरकार हाई अलर्ट पर है मगर ऐसा जमीन पर नहीं दिखता। सरकार केवल कागजी घोड़ा दौड़ा रही है। सरकार की गैर जिम्मेदारी का आलम यह है कि राज्य से जो सैंपल प्राइमरी जांच के लिए बंगाल के लैब में भेजे जाते हैं वो इस काबिल भी नहीं बचते हैं कि उसकी जांच भी की जाए। दरअसल सैंपल समय पर बंगाल नहीं पहुंचते। सरकार बर्ड फ्लू के सैंपल को ट्रेन से बंगाल भेजती है लिहाजा वह लेट में पहुंचती है और वह इस लायक नहीं बचती कि उसकी जांच की जाए। अगर राज्य में बर्ड फ्लू की सही रिपोर्ट की जानकारी लेनी होगी तो RRDL लैब बंगाल के दिशानिर्देश के मुताबिक मृत पक्षियों के सैंपल को 24 घंटे के अंदर लैब तक पहुंचाना होगा। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अभी तक इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
अभी कुछ ही दिन पहले की बात है कि जमशेदपुर से सबसे पहले चार मृत कौवों का सैंपल बंगाल के RRDL (रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी) लैब में भेजा गया था। लेकिन लैब ने उसे बेकार सैंपल कह के रिजेक्ट कर दिया। मजबूरन राज्य सरकार की ओर से उन सभी मृत कौओं की बिना रिपोर्ट के जमीन में गाड़ने का निर्देश जारी किया गया।
सैंपल भेजने की क्या है व्यवस्था
अभी अगर किसी जिले में मृत पक्षी की जानकारी मिलती है तो पहले उसे जिला मुख्यालय को जानकारी दी जाती है। जिला मुख्यालय से उसे राज्य मुख्यालय भेजा जाता है। यहां से ट्रेन के माध्यम से सैंपल को बंगाल के लैब में भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया में कम से कम दो से तीन दिन का समय लग जा रहा है। इस आधार पर न सही रिपोर्ट आ रही है और न लैब टेस्ट करने के लिए तैयार होता है।
गौरतलब है कि राज्य में बर्ड फ्लू पहुंचा है या नहीं अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बर्ड फ्लू के स्टेट नोडल पदाधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि अभी भी 18 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है जिसे कल भेजा गया था। ये सभी सैंपल रांची के हैं। इसमें अकेले 14 सैंपल रांची के चिड़िया घर के पक्षियों की है। इसके अलावा 4 सैंपल कांके और सिंहमोड़ हटिया में मृत अलग-अलग पक्षियों की है। रांची चिड़ियाघर से सतर्कता के लिहाज से सैंपल भेजे गए हैं ताकि अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो पहले से सतर्कता बरत ली जाए।
पक्षियों के मरने का सिलसिला जारी
राज्य में पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। रांची के अलावा, धनबाद, दुमका, गोड्डा आदि जिलों से लगातार पक्षियों के मरने की सूचना आ रही है। संथाल परगना से पक्षियों के मरने की सूचना के बाद राज्य के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।
दरअसल बर्ड फ्लू के सैंपल की जांच के लिए देश भर में पांच RRDL लैब हैं जो पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के हिसाब से बांटे गए हैं। ईस्टर्न रीजन का लैब कोलकाता है और झारखंड के सैंपल की जांच यहीं कराई जाती है। राज्य भर के लैब को यहां भेजा जाता है। यहां सैंपल की प्राइमरी जांच होती है। यहां पॉजिटिव पाए जाने के बाद इसे हाई सिक्योरिटी लैब भेजा जाता है जो भोपाल में है। अगर वहां से कंफर्म हो जाता है तभी कंफर्म माना जाता है।
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