BIG NEWS : PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा, हमारी वैक्सीन दुनिया में सबसे किफायती
◆ 3 करोड़ लोगों को टीका लगाने का खर्च केंद्र उठाएगा
◆ केंद्र ने सीरम इंस्टीट्यूट को 1.10 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया, 200 रुपए होगी एक डोज की कीमत
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : देश में इन दिनों चारों तरफ कोविड-19 लड़ने के लिए वैक्सीनेशन की तैयारी पर चर्चा है। देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होना है। इसी के तहत आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तैयारियों को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। बातचीत के दरमियान पीएम मोदी ने कहा कि 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं। ये हम सभी के लिए गौरव की बात है। जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है, वो दोनों मेड इन इंडिया हैं।' प्रधानमंत्री बोले कि अगले कुछ महीनों में हमारा लक्ष्य 30 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन करना है।
उन्होंने कहा कि दोनों वैक्सीन दुनिया की सभी वैक्सीन के लिहाज से कॉस्ट इफेक्टिव हैं। इन्हें देश की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। अगर हमें पूरी तरह से विदेशी वैक्सीन पर निर्भर होना पड़ता तो आप सोचिए कि कितनी परेशानी होती। भारत के टीकाकरण का जो अनुभव है, जो सुदूर इलाकों तक पहुंचने की सुविधाएं हैं, वो टीकाकरण के लिए जरूरी हैं।'
पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीनेशन में हमारी प्रायोरिटी वे लोग हैं, जो कोरोना से लड़ाई में जुटे हैं। इनमें मेडिकल स्टाफ के साथ सफाई कर्मी, सैन्य बल और पुलिस कर्मी शामिल हैं। इन सभी को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा। ऐसे फ्रंट लाइन वर्कर्स की संख्या 3 करोड़ है और इन्हें टीका लगाने में जो खर्च होगा, वह भारत सरकार उठाएगी। 50 साल से ऊपर के सभी लोगों और 50 साल से नीचे के बीमार लोगों को भी टीका लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में चार और वैक्सीन प्रोसेस में हैं। जब और वैक्सीन आ जाएंगी, तब हमें फ्यूचर की प्लानिंग करने में बहुत सुविधा होगी। कुछ हफ्तों में वैक्सीनेशन के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर लॉजिस्टिक तक की तैयारियां केंद्र और राज्यों के साथ बातचीत करके पूरी की गई हैं।
मीटिंग में मोदी ने कहा कि सबसे अहम काम उन लोगों की पहचान करना है, जिन्हें टीका लगाना है। इसके लिए को-विन नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। टीकाकरण का रियल टाइम डेटा को-विन पर अपलोड करना है। टीकाकरण के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाना जरूरी है। इससे दूसरी डोज का रिमाइंडर उन्हें मिलेगा। दूसरी डोज के बाद फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। भारत जो करने वाला है, उसे दुनिया फॉलो करेगी।
अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील
मोदी ने कहा की जिन्हें टीका लगाया जा रहा है, वो भी संक्रमण को रोकने के लिए जो सावधानियां हैं, उन्हें फॉलो करें। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों को कोई हवा ना मिले। देश और दुनिया के शरारती तत्व इस अभियान में रुकावट डालने की कोशिश कर सकते हैं। हमें धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ, रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं को अपने साथ जोड़ना है। इस टीकाकरण के साथ-साथ दूसरे टीकाकरण अभियान भी ठीक तरह से चलते रहें, इसका भी ध्यान रखना है।
गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन के दो डोज होंगे। इन्हें 28 दिन के अंतर से दिया जाएगा। सभी को दो डोज लगाने होंगे, तभी वैक्सीन शेड्यूल पूरा होगा। दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी। एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है।
केंद्र ने सीरम इंस्टीट्यूट को 1.10 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया
केंद्र सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को ऑर्डर दे दिया है। यह ऑर्डर एक करोड़ 10 लाख डोज का है। ऑर्डर के मुताबिक, वैक्सीन के हर डोज की कीमत 200 रुपये है। इस पर 10 रुपए GST लगेगा। यानी इसकी कीमत 210 रुपए होगी।
वैक्सीन का डिस्पैच सोमवार देर शाम तक शुरू होने की संभावना है। कोवीशील्ड की हर हफ्ते एक करोड़ से ज्यादा डोज की सप्लाई की जा सकती है। SII के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में वैक्सीन के डोज 60 पॉइंट पर भेजे जाएंगे। वहां से इन्हें आगे भेजा जाएगा। हेल्थ मिनिस्ट्री जल्द ही भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के लिए भी परचेज ऑर्डर साइन करने वाली है। इसके लिए बातचीत चल रही है।
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