इसरो के वैज्ञानिक को दिया गया था जहर !
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : इसरो के वैज्ञानिक और अहमदाबाद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा का दावा है कि उन्हें जहर दिया गया था. उनका कहना है कि यह जहर उन्हें प्रमोशन इंटरव्यू के समय दिए गए नाश्ते में मिलाकर दिया गया था। तपन मिश्रा ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर यह चौंकाने वाला दावा किया है।मिश्रा ने लिखा है कि जहर की वजह से उन्हें 30 से 40 फीसदी ब्लड लॉस हुआ था। साथ ही उन्हें एनल ब्लीडिंग हो रही थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. बड़ी मुश्किल से उनकी जान बच पाई।
तपन मिश्रा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ‘इसरो में हमें कभी-कभी बड़े वैज्ञानिकों के संदिग्ध मौत की खबर मिलती रही है। साल 1971 में प्रोफेसर विक्रम साराभाई की मौत संदिग्ध हालात में हुई थी।उसके बाद 1999 में VSSC के निदेशक डॉक्टर एस श्रीनिवासन की मौत पर भी सवाल उठे थे।इतना ही नहीं 1994 में श्री नांबीनारायण का केस भी सबके सामने आया था। लेकिन मुझे नहीं पता था कि एक दिन मैं इस रहस्य का हिस्सा बनूंगा।’
फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, 23 मई 2017 को तपन मिश्रा को जानलेवा आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (Arsenic Trioxide) दिया गया था।यह उन्हें उनके प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान इसरो हेडक्वार्टर बेंगलुरु में चटनी और दोसाई में मिलाकर दिया गया था। इसे उन्होंने लंच के कुछ देर बाद हुए नाश्ते में खाया था।इंटरव्यू के बाद वो बड़ी मुश्किल से बेंगलुरु से अहमदाबाद पहुंच पाए थे।तपन मिश्रा ने Sci/Eng SF ग्रेड से SG ग्रेड के लिए इंटरव्यू दिया था।
तपन मिश्रा लिखते हैं कि अहमदाबाद लौटने के बाद उन्हें एनल ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। इसके चलते उनके शरीर से 30 से 40 फीसदी तक ब्लड लॉस हो गया था। उन्हें अहमदाबाद के जाइडल कैडिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत पेश आ रही थी।इतना ही नहीं, त्वचा निकल रही थी।हाथों और पैर की उंगलियों से नाखून उखड़ने लगे थे।न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे हापोक्सिया, हड्डियों में दर्द, सेंसेशन, एक बार हल्का दिल का दौरा, आर्सेनिक डिपोजिशन और शरीर के बाहरी और अंदरूनी अंगों पर फंगल इंफेक्शन तक हो गया था। उन्हें करीब दो साल तक अपना इलाज जारी रखना पड़ा था।
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