BIG NEWS : कोरोना काल में भी काशी की ऊर्जा, भक्ति, शक्ति में नहीं आया बदलाव : पीएम मोदी
वाराणसी : कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी सोमवार दोपहर वाराणसी पहुंचे हैं। यहां 6 लेन हाईवे का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने खजुरी में जनसभा की। पीएम मोदी ने भोजपुरी में संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि नारायण का विशेष महीना यानी पुण्य कार्तिक मास के पुनमासी कहलन। इस पुनमासी पर गंगा में डुबकी लगावे, दान-पुन्य का महत्व रहल है। बरसों से दशाश्वमेघ, शीतला घाट या अस्सी पर सब डुबकी लगावत आवत रहल। पंडित राम किंकर महाराज पूरे कार्तिक महीना बाबा विश्वनाथ के राम कथा सुनावत रहलन। देश के हर कोने से लोग उनके कथा सुने आवे। कोरोना काल ने भले ही काफी कुछ बदल दिया है, लेकिन काशी की ऊर्जा, भक्ति, शक्ति उसको कोई थोड़े ही बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि सुबह से ही काशीवासी स्नान, ध्यान और दान में ही लगे हैं। काशी वैसे ही जीवंत है, काशी की गलियां वैसी ही ऊर्जा से भरी हैं, काशी के घाट वैसे ही दैदीप्यमान हैं। यही तो मेरी अविनाशी काशी है। काशी मां गंगा के सानिध्य में प्रकाश का उत्सव मना रही है। विश्वनाथ की कृपा से मुझे प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का अवसर मिल रहा है।
प्राइम मिनिस्टर मिस्टर मोदी ने कहा कि यहां आने से पहले काशी विश्वानाथ कॉरिडोर जाने का मौका भी मिला, रात में सारनाथ में लेजर शो का भी मौका मिलेगा। मैं इसे महादेव का आशीर्वाद और काशीवासियों का विशेष स्नेह मानता हूं। काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है। आपने सुना होगा, कल मन की बात में भी मैंने इसका जिक्र किया था और योगीजी ने भी उस बात को दोहराया।
मोदी ने कहा कि100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा फिर एकबार अपने घर लौटकर आ रही हैं। काशी के लिए ये बड़े सौभाग्य की बात है। हमारे देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां आस्था के प्रतीक के साथ ही अमूल्य विरासत भी हैं। इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां देश को काफी पहले वापस मिल जातीं, लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए विरासत का मतलब देश की धरोहर है। कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब अपना परिवार, अपने परिवार का नाम होता है। हमारे लिए विरासत का मतलब हमारी संस्कृति, आस्था है। उनके लिए विरासत का मतलब अपनी प्रतिमाएं और अपने परिवार की तस्वीरें हैं। उनका ध्यान परिवार की विरासत को बचाने में रहा। हमारा ध्यान देश की विरासत बचाने और उसे संरक्षित करने पर है।
इसके बाद पीएम मोदी बाबा विश्वनाथ के मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वाराणसी दौरे पर उनके साथ हैं। क्रूज से मोदी राजघाट पहुंचे और दीप जलाया। इसी के साथ काशी के 84 घाटों पर 15 लाख दीये रोशन किए गए।
देव दीपावली पर मोदी ने कहा की देवता कौन हैं? ये देवता तो आज भी हैं, आज भी ये देवता बनारस मेें दीपावली मना रहे हैं। संतों ने लिखा है कि काशी के लोग ही देव स्वरूप हैं। काशी के नर-नारी तो देवी और शिव के ही रूप हैं। इन 84 घाटों पर इन लाखों दीपों को आज भी देवता ही प्रज्ज्वलित कर रहे हैं, देवता ही ये प्रकाश फैला रहे हैं। ये दीपक उनके लिए भी जल रहे हैं, जो देश और जन्मभूमि के लिए बलिदान हुए। ये पल भावुक कर जाता है।
देश की रक्षा में अपनी शहादत देने वाले, अपनी जवानी खपाने वाले, अपने सपनों को मां भारती के चरणों में बिखेरने वाले हमारे सपूतों को नमन करता हूं। साथियों चाहे सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें हों, विस्तारवादी ताकतों का दुस्साहस हो, या देश के भीतर देश को तोड़ने वाली साजिशें हों, भारत आज सबका जवाब दे रहा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। इसके साथ ही देश अब गरीबी, अन्याय और भेदभाव के अंधकार के खिलाफ भी बदलाव के दीये जला रहा है।
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