BIG NEWS : गिलगित-बल्तिस्तान की जनता के आगे इमरान सरकार ने टेके घुटने, 9 साल बाद बाबा जान को किया रिहा
टोनी पाधा
श्रीनगर : पाकिस्तान ने गिलगित-बल्तिस्तान की जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ता बाबा जान को 9 साल की कैद के बाद बीते शुक्रवार को रिहा कर दिया है। बता दें कि बाबा जान की रिहाई को लेकर पाकिस्तान में दर्जनों बार प्रदर्शन हो चुके हैं। जिसके बाद आखिरकार इमरान सरकार गिलगित-बल्तिस्तान की जनता के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गई और बाबा जान को रिहा कर दिया। बाबा जान ने गिलगित के हुंजा में चीनी कंपनियों को मार्बल की खदान के अवैध आवंटन का जमकर विरोध किया था। उन्होंने करीब 9 साल पहले पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा था कि इस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। उन्होंने गिलगित-बल्तिस्तान में पाकिस्तान के कानून लागू होने के खिलाफ भी आवाज उठाई थी और चीनी कंपनियों को गिलगित-बल्तिस्तान से बाहर खदेड़ने की भी मांग की थी। सरकार के खिलाफ उठती इस आवाज को दबाने के लिए उन्हें वर्ष 2011 में जेल में डाल दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक चीनी कंपनियों के विरोध के अलावा बाबा जान पर एक अन्य आरोप लगा था। वर्ष 2010 में जलवायु परिवर्तन की वजह से गिलगित-बल्तिस्तान की हुंजा नदी के पास लैंडस्लाइड हुआ था। जबरदस्त भूस्खलन की वजह से हुंजा नदी का पानी रुक गया था। इसकी वजह से आई बाढ़ के कारण आसपास के करीब 23 गांव डूब गए थे। यहां के करीब 1000 लोगों को इसका मुआवजा दिलाने के लिए बाबा जान के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया था। इसका नतीजा ये हुआ की कई लोगों को मुआवजा मिल गया लेकिन कुछ लोगों को नहीं मिला। इन बचे हुए लोगों के साथ बाबा जान ने फिर स्थाानीय सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया और मुआवजे की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री के काफिले को रोककर अपनी मांग को दोहराने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया और गोलियां तक चला दी। पुलिस की गोलाबारी के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इससे गुस्साये प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की और पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना के बाद बाबा जान को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके ऊपर संगीन धाराओं में मुकदमा चलाया गया। 2014 में कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनको रिहा करने के लिए कई प्रदर्शन हुये थे। आखिरकार इमरान सरकार ने हार मानकर बाबा जान को रिहा कर दिया।
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