जम्मू-कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र का आगाज, DDC चुनाव में स्थानीय नागरिकों ने बढ़चढ़कर लिया हिस्सा
टोनी पाधा
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आजादी के 73 साल बाद पहली बार त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई है। जिसके बाद आज यानी शनिवार को बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में मतदान करने के लिए घरों से निकले हैं। डीडीसी चुनाव में जमीनी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नागरिकों ने चुनाव के पहले चरण में बढ़चढ़ कर सहभागिता दिखाई है। डीडीसी चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में आने वाले दिनों में सही मायने में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की नींव पड़ेगी। जम्मू-कश्मीर में हो रहे बदलाव को लेकर स्थानीय नागरिक खुश हैं, इसीलिए डीडीसी चुनाव के पहले दिन ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं,पुरूष,युवा वर्ग और बुजुर्ग घरों से निकलकर मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं।
पहलगाम में भारी ठंड के बावजूद 86 वर्षीय गुलाम कादरी मतदान करने के लिए घर से निकलकर मतदान केंद्र पहुंचे।
ऐसे ही एक तस्वीर कठुआ के बानी गांव से भी सामने आई है, जहां पर 99 वर्षीय पंकजू देवी भी वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंची।
अत्यधिक ठंड और बर्फबारी के बावजूद बारामूला में पुरूषों के साथ महिलाएं भी घरों से निकलकर मतदान केंद्र पहुंच रही हैं।
कोरोना संक्रमण को ध्यान में ऱखते हुये सभी मतदान केंद्रों पर प्रशासन की तरफ से सामाजिक दूरी का पालन करने और सैनिटाइजर के प्रयोग करने की हिदायत दी गई है।
श्रीनगर के बाहरी इलाके फकीर गुजरी में 95 वर्षीय लेथा कोहली भी मतदान करने पहुंचे थे। लेथा कोहली ने डीडीसी चुनाव को लेकर कहा कि ये चुनाव हमारे क्षेत्र में गरीबी को खत्म करने में मदद करेगा और हमारे क्षेत्र में अधिक सड़कें बनेगी।
लोकतंत्र के इस महापर्व पर अनंतनाग की डांडीपोरा सीट पूरी तरह से महिलाओं के लिए आरक्षित है। इस सीट से 5 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। इनमें से 3 महिलाएं तो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और 1 पीडीपी के लिए तो एक कांग्रेस पार्टी की तरफ से खड़ी हैं। वहां के लोगों को इन महिलाओं से बहुत उम्मीद है।
11 बजे तक 22% वोटिंग
घाटी में जीरो डिग्री तापमान के बावजूद वोटर्स का जोश कम नहीं हो रहा है। कश्मीर घाटी के कई ग्रामीण इलाकों में लोग