BIG NEWS : जायडस की वैक्सीन का अपडेट लेने के बाद PM मोदी हैदराबाद के लिए हुए रवाना
सिद्धार्थ सौरभ
नई दिल्ली : देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच अब कोरोना वैक्सीन को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। हर कोई कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में बन रही वैक्सीन का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को देश की तीन प्रयोगशालाओं के दौरे पर हैं। वे सबसे पहले अहमदाबाद पहुंचे। जहां उन्होंने जाइडस कैडिला के प्लांट में कंपनी के टीके की डेढ़ घंटे समीक्षा की। अब वे हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं। यहां वे भारत बायोटेक के प्लांट जाएंगे। इसके बाद वे पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट जाएंगे। प्रधानमंत्री यहां शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों से बात करेंगे। साथ ही वैक्सीन निर्माण में हुई प्रगति का जायजा भी लेंगे।
पहला : अहमदाबाद
वैक्सीन का नाम: जायकोव-डी
फॉर्मूला: जायडस बायोटेक
बनाने वाली कंपनी: जायडस बायोटेक
प्लांट: चांगोदर इंडस्ट्रियल एरिया, गुजरात
स्टेटस: फेज-3 के ट्रायल्स शुरू
यहां जायडस बायोटेक अपनी वैक्सीन जायकोव-डी डेवलप कर रही है। इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं। गुजरात बेस्ड जायडस बायोटेक की यह वैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी है।
दूसरा : हैदराबाद
वैक्सीन का नाम: कोवैक्सिन
फॉर्मूला: भारत बायोटेक और ICMR
बनाने वाली कंपनी: भारत बायोटेक
प्लांट: हैदराबाद
स्टेटस: ट्रायल तीसरे फेज में, जनवरी तक नतीजे आने की उम्मीद
स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' के बारे में जानकारी लेने के लिए मोदी हैदराबाद जाएंगे। यहां हाकिमपेठ एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करने के बाद वे भारत बायोटेक जाएंगे। एक घंटे तक वैक्सीन बनाने वाले प्लांट पर रुकने के बाद पुणे के लिए रवाना होंगे।भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ कोवैक्सिन बनाने के लिए हाथ मिलाया है। इसके फेज-III ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट के एक हॉस्पिटल में इस वैक्सीन का डोज लगवा चुके हैं। लार्ज-स्केल ट्रायल्स में अगर वैक्सीन इफेक्टिव साबित हुई तो अगले साल की शुरुआत में कंपनी इसके रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए आवेदन करेगी।
तीसरा : पुणे
वैक्सीन का नाम: कोवीशील्ड
फॉर्मूला: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/ ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका
बनाने वाली कंपनी: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
प्लांट: पुणे (महाराष्ट्र)
स्टेटस: ट्रायल आखिरी दौर में
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के प्रोडक्शन के लिए ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है। SII दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाती है। एक्सपर्ट्स और सरकारी अधिकारियों का मानना है कि भारत में सबसे पहले यही वैक्सीन मिलेगी।
कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स दो तरह से किए गए हैं। पहले में 62% असरदार दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा। औसत देखें तो इफेक्टिवनेस 70% के आसपास रही है।
SII के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने हाल में दावा किया था कि हमने वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है। जनवरी से हम हर महीने 5-6 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेंगे। जनवरी तक हमारे पास 8 से 10 करोड़ डोज का स्टॉक तैयार होगा। सरकार से अनुमति मिलने पर हम सप्लाई शुरू कर देंगे।
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