BIG NEWS : जम्मू कश्मीर में DDC के 43 सीटों पर वोटिंग, पंच और सरपंच के उपचुनाव के लिए 1179 प्रत्याशी मैदान में
टोनी पाधा
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आज शनिवार को जिला विकास परिषद (DDC) चुनाव के पहले चरण की 43 सीटों पर मतदान जारी है। इसके साथ ही पंचायत उपचुनावों के लिए भी मतदान हो रहे हैं। चुनाव के लिए सभी तैयारियां चाक-चौबंद हैं। 28 नवंबर से शुरू होने वाली यह चुनाव प्रक्रिया 19 दिसंबर तक चलेगी। कुल आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे, जबकि 22 दिसंबर को मतगणना होगा। इस चरण के मतदान से 1,475 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। मतदान की प्रक्रिया शनिवार सुबह 7 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक चलेगी। आर्टिकल 370 हटने और केंद्र शासित राज्य बनने के बाद यहां पहली बार वोटिंग हो रही है।
DDC के लिए 296 प्रत्याशी मैदान में
पहले चरण की वोटिंग शुरू हो गई है। यह दोपहर 2 बजे तक होगी। इन 7 घंटों में जिला विकास परिषद के 43 सीटों के लिए 296 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला वोटर्स करेंगे। इनमें 25 सीटें कश्मीर और 18 जम्मू की हैं। पंच और सरपंच के उपचुनाव के लिए कुल 1179 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 899 पंच और 280 प्रत्याशी सरपंच पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा 16 वॉर्ड के चुनाव भी होंगे। इनमें श्रीनगर के 2 वॉर्ड के लिए 21 और पहलगाम के 9 वॉर्ड के लिए 31 प्रत्याशी मैदान में हैं। अनंतनाग जिले के 5 वॉर्ड चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण की वोटिंग के लिए 2644 पोलिंग बूथ बनाए हैं। यहां 7 लाख 3 हजार 620 वोटर्स वोट करेंगे।
वोटिंग से जुड़ी अहम जानकारी
◆ पोलिंग बूथ पर बैलट से वोटिंग होगी।
◆ कोरोना मरीज, आइसोलेट किए गए, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से बीमार लोग पोस्टल बैलट से वोट करेंगे।
◆ सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स की 165 कंपनियों को तैनात किया गया है।
◆ कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पहले के मुकाबले ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
◆ कश्मीर के कुपवाड़ा में LOC से सटे कई इलाकों में मतदाता कम हैं। यहां हेलीकाप्टर से चुनावी सामग्री और स्टाफ भेजे गए हैं।
पहली बार करीब 1 लाख पाकिस्तानी रिफ्यूजी वोट डाल सकेंगे
DDC, पंच और सरपंच चुनावों में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी को भी वोट करने का अधिकार दिया गया है। सात दशक में पहली बार ऐसा होगा कि जब ये रिफ्यूजी राज्य में पंचायत स्तरीय चुनाव में वोटिंग कर पाएंगे। जानकारी के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के 22 हजार से अधिक परिवार हैं।
आबादी के लिहाज से इनकी संख्या 1.5 लाख से अधिक है। इनमें 1 लाख रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार है। आर्टिकल 370 लागू रहने तक ये रिफ्यूजी केवल लोकसभा चुनाव में ही वोट कर पाते थे। इन्हें विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था।
प्रदेश की 6 पार्टियां मिलकर मैदान में
जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार अलायंस बनाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है। इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। मौजूदा राजनीतिक समीकरण के अनुसार गुपकार अलायंस कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है।
8 फेज में जानिए कब-कब पड़ेंगे वोट?
पहला फेज : 28 नवंबर
दूसरा फेज : 01 दिसंबर
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पांचवां फेज : 10 दिसंबर
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